जालंधर वेस्ट एरिया से प्रवासी कर रहे अवैध शराब की तस्करी

जालंधर वेस्ट एरिया से प्रवासी कर रहे अवैध शराब की तस्करी

— आलू, कांधे की सप्लाई की आड़ में बिहार भेजा गया अवैध शराब 

जालंधर (वेस्ट),पंजाब में नशे और अवैध शराब की तस्करी पर सरकार और पुलिस सख़्त नज़र रखने का दावा करती है, लेकिन हक़ीक़त ज़मीनी स्तर पर कुछ और ही बयां कर रही है। हाल ही कुछ दिन पहले जालंधर बस्तियात क्षेत्र से शराब की खेप बिहार भेजा गया जिसे पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध शराब से भरी गाड़ी पकड़ ली। हैरानी की बात यह रही कि पकड़ी गई वाहन में प्याज और आलू के व्यापार के नाम पर बिहार के प्रवासी समलगर चला रहे थे। सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए वाहन में ऊपर से आलू और प्याज की बोरियां लदी थीं, जबकि नीचे लाखों रुपए की अवैध शराब की पेटियां छिपाई गई थीं। यह तस्करी बड़े नेटवर्क के तहत की जा रही थी। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि इन वाहन के पीछे कोई बड़ा “हाथ” हो सकता है, जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो सकी है।

पंजाब सरकार और पुलिस पर सवाल:

यह घटना कई सवाल खड़े करती है—

1. क्या पंजाब सरकार इन तस्करी नेटवर्क से वाक़ई बेख़बर है?

2. क्या स्थानीय पुलिस को पहले से इसकी जानकारी नहीं थी या जानबूझकर कार्रवाई नहीं किया जा रहा?

3. पंजाब में नशे के ख़िलाफ़ चलाए जा रहे अभियान के बावजूद इतनी बड़ी मात्रा में शराब कैसे पहुँची?

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर अवैध शराब से लदा वाहन पुलिस की पकड़ में आया हैं, तो यह माना जा सकता है कि दर्जनों ट्रक या वाहन पहले भी बिना पकड़े बिहार में दाखिल हो चुके होंगे। 

सूत्रों की माने तो इस पूरे नेटवर्क में किसी छोटे भैया नेता का हाथ होने की आशंका है

“रंगला पंजाब” पर असर:

पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा अक्सर नारा दिया जाता है कि वे “रंगला पंजाब” बनाने के लिए नशे और तस्करी के ख़िलाफ़ कड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन इस घटना ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है। लोग पूछ रहे हैं कि जब सीमा पर और चेक पोस्टों पर पुलिस तैनात है, तब इतनी बड़ी तस्करी कैसे हो सकती है?

बड़े नेटवर्क का संदेह:

सूत्रों ने बताया कि इतने बड़े स्तर पर शराब की तस्करी बिना किसी मज़बूत नेटवर्क के संभव नहीं है। इस मामले में स्थानीय व्यापारियों और राजनैतिक संरक्षण की भी जाँच की जानी चाहिए। यह भी हो सकता है कि स्थानीय पुलिस के अलावा विभिन्न राज्य के पुलिस पार्टी भी शामिल हो। हालांकि पुलिस ने महिंद्रा पिकअप को ज़ब्त कर लिया है और जालंधर के बस्तियात क्षेत्र के ड्राइवर को हिरासत में भी लिया गया, मौके से उसका एक साथी फरार हो गया था, लेकिन अभी तक किसी बड़े सरगना का नाम सामने नहीं आया है।

आगे की कार्रवाई?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पंजाब सरकार और पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जड़ों तक पहुँच पाएंगे या यह मामला भी समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा? क्या पकड़े गए ड्राइवर केवल छोटे खिलाड़ी हैं और असली मास्टरमाइंड अब भी बाहर है? 

बताया जाता है कि अब बस्ती बाबाखेल के भीतर किसी गुप्त स्थान पर शराब को छिपाया जाता है और उसे मौका पाते ही बिहार भेज दिया जाता है।

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