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जालंधर में ट्रैफिक लाइट की खराबी ,ट्रैफिक की समस्या लगातार विकराल , हादसे भी बढे

जालंधर में ट्रैफिक की समस्या लगातार विकराल होती जा रही है, जिसके कारण रोजाना लोग परेशान हैं और हादसे भी बढ़ रहे हैं।

मुख्य ट्रैफिक समस्याएँ

कई चौक जैसे बस स्टैंड, पटेल चौक, बशीरपुरा, रेलवे रोड, बस्ती बावा खेल आदि इलाकों में ट्रैफिक लाइटें लंबे समय से बंद हैं, जिसके चलते जाम और दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।बारिश के समय सड़कों पर पानी भर जाता है, जिससे जाम और गाड़ियाँ फँसने की समस्या आम हो गई है।हाल ही में डीएवी कॉलेज के पास फ्लाईओवर पर लंबा जाम लगा, जब पेड़ गिरने के कारण ट्रैफिक रोकना पड़ा।तेज रफ्तार वाहनों और ट्रैफिक नियमों का पालन न करने की वजह से दुर्घटनाएँ बढ़ रही हैं, जैसे कि हाल ही में हुई LPU के छात्रों के साथ सड़क हादसा।ट्रैफिक पुलिस की सक्रियता को लेकर भी विवाद हुए हैं, जैसे वर्कशॉप चौक पर पुलिस द्वारा डंडा मारने का आरोप लगा, जिससे हंगामा भी हुआ।प्रशासन की प्रतिक्रियाट्रैफिक पुलिस और नगर निगम द्वारा बंद ट्रैफिक लाइटें जल्द ठीक करवाने का वादा किया गया है।प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंचकर समस्या नियंत्रित करने की कोशिश करती हैं, लेकिन स्थायी समाधान की कमी है।नागरिकों की प्रतिक्रियानागरिकों में ट्रैफिक जाम और खराब यातायात व्यवस्था को लेकर रोष है और वे प्रशासन से ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।बारिश, सड़क पर गिरे पेड़ या कोई तकनीकी खराबी होने पर जल्दी राहत नहीं मिलने से लोगों को खासी परेशानी होती है।जालंधर में ट्रैफिक की समस्याएँ गंभीर हैं और हाल ही की खबरों के अनुसार इनका त्वरित समाधान भी आवश्यक बन गया है

जालंधर में ट्रैफिक लाइट की खराबी एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसकी वजह से यातायात व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ रहा है और आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।हाल की स्थितिशहर के कई प्रमुख चौराहों, खासकर बस स्टैंड चौक, गढ़ा रोड, प्रेस क्लब चौक और सोढल मंदिर के पास ट्रैफिक लाइट कई महीनों से बंद पड़ी हैं।ट्रैफिक पुलिस को मैन्युअली यातायात नियंत्रित करना पड़ता है, लेकिन कई बार इतने वाहनों के बीच यह आसान नहीं होता।कई जगहों पर ट्रैफिक लाइटें पेड़ों की शाखाओं के पीछे छिपी हुई हैं, जिससे ड्राइवरों को सिग्नल दिखाई ही नहीं देते।खराबी के मुख्य कारणबिजली की समय-समय पर कटौती और तकनीकी खराबी के कारण लाइटें बंद रहती हैं।नगर निगम की ओर से समय पर मेंटेनेंस न होने के कारण समस्या बनी रहती है।कई जगहों पर पेड़ों की शाखाएं ट्रैफिक लाइटों को पूरी तरह ढक देती हैं, जिससे वह नज़र नहीं आतीं।विभागीय लापरवाही के चलते लंबे समय से खराब पड़ी लाइटों की मरम्मत नहीं की जाती।नतीजावाहन चालकों को खुद रास्ता निकालना पड़ता है, जिससे जाम और झगड़े की स्थिति पैदा हो जाती है।ट्रैफिक लाइटें न चलने से हर दिन कई बार एक्सीडेंट होते-होते बचते हैं और कई बार हादसे हो भी जाते हैं।लोग स्थानीय प्रशासन से लाइटें दुरुस्त करने की लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन समाधान अब तक नहीं मिला है।इस प्रकार, जालंधर में ट्रैफिक लाइट खराबी की समस्याएँ प्रशासनिक लापरवाही, टेक्निकल फॉल्ट और देख-रेख की कमी के कारण लगातार बनी हुई हैं।

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